Sunday, August 26, 2012

jai vishnu devae namha

सांसारिक जीवन के लिए त्रिदेवों की उपासना रचना या सृजन, पालन और बुराइयों व बुरे भावों के संहार की ही प्रेरणा से जुड़ी है। इनमें भगवान विष्णु जगतपालक के रूप में पूजनीय है। शास्त्रों के मुताबिक खासतौर पर एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की उपासना सुख, शांति, सद्भाव और खुशहाली लाने वाली मानी गई है।

इसी कड़ी में तीन साल में आने वाली अधिकमास की कमला एकादशी पर भगवान विष्णु की भक्ति मंगलकारी मानी जाती है। इस तिथि व बाकी अधिकमास में भी भगवान विष्णु की उपासना में विशेष और आसान विष्णु मंत्रों का स्मरण कुटुंब की सुख-समृद्धि व शांति के लिए बहुत ही शुभ माने गये है।

खासतौर पर वक्त की कमी या किसी मजबूरी में शास्त्रोक्त तरीकों से न कर पाने की स्थिति में यहां भगवान विष्णु की तस्वीरों के दर्शन कर साथ बताए पूजा व 3 विष्णु मंत्रों के जप के उपाय कर मुरादें पूरी की जा सकती है -

- सुबह और शाम दोनों ही वक्त स्नान के बाद देव मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति को केसर या चंदन मिले जल से स्नानस्नान कराएं।

- चंदन, पीले फूल, पीला वस्त्र, पीले फल चढ़ाएं।


ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।। इस मंत्र से धन कामना पूरी हो जाती है।


नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात।। यह विष्णु गायत्री मंत्र सारे कलह दूर कर सुख-सफलता की कामना पूरी करता है।

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्। विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाड्गंम् लक्ष्मीकातं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यंम्र्। वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्वलोकैक नाथम्।। यह मंत्र शांति, धैर्य, विवेक व समृद्धि देता है।

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