Wednesday, September 12, 2012

पुराने समय से ही हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र और पूजनीय माना जाता है। घर के आंगन में तुलसी का पौधा हो तो घर का कलह और अशांति दूर होती है। इसके साथ ही तुलसी का पौधा होने पर घर-परिवार में महालक्ष्मी की विशेष कृपा भी रहती है। शास्त्रों में भगवान विष्णु और तुलसी के विवाह का वर्णन मिलता है। इस कारण तुलसी को विष्णुप्रिया भी कहा जाता है।'


तुलसी का पौधा पूज्य और पवित्र तो है साथ ही इसमें कई आयुर्वेदिक गुण भी हैं। तुलसी के औषधीय गुणों से कफ आदि रोगों में बचाव हो जाता है।


शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए तुलसी के पत्तों का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। तुलसी के पत्तों का सेवन करने का भी एक खास तरीका है। इस तरीके से ही तुलसी का सेवन करना चाहिए अन्यथा इसके बुरे प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।


शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए तुलसी के पत्तों का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। तुलसी के पत्तों का सेवन करने का भी एक खास तरीका है। इस तरीके से ही तुलसी का सेवन करना चाहिए अन्यथा इसके बुरे प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।


तुलसी के पत्तों में पारा धातु भी विद्यमान होती है जो कि पत्तों को चबाने से दांतों पर लगती है। यह हमारे दांतों के लिए फायदेमंद नहीं है। इससे दांत और मुंह से संबंधित रोग का खतरा बना रहता है। अत: तुलसी के पत्तों को बिना चबाए निगलना चाहिए।