धर्म के नजरिए से प्रेम अहम जीवन मूल्य है। व्यावहारिक तौर पर भी प्रेम मानवीय ज़िंदगी में अलग-अलग रूप और रिश्तों में उजागर होता है। यहां तक कि प्रेम को ईश्वर से साक्षात्कार के लिए भी अहम माना गया है। इसलिए जिंदगी में वास्तविक सुखों को पाने के लिए प्रेम का भाव बहुत जरूरी है।
हिन्दू धर्मग्रंथों के प्रसंगों पर गौर करें तो लीलाधर श्रीकृष्ण के चरित्र में प्रेम कई
पहलू नजर आते हैं। माता, पिता, भाई, बहन, मित्र, पत्नी, पुत्र, सेवक,
भक्त, देश या समाज के लिए प्रेम की अहमियत भगवान कृष्ण ने जगत को बताई।
उनके गोपियों संग रासलीला से भी आदर्श प्रेम के रहस्य जुड़े हैं।
जगतपालक
भगवान विष्णु का अवतार होने से भी भगवान श्रीकृष्ण प्रेम, आनंद और सुख
देने वाले देवता के रूप में पूजनीय हैं। इसलिए भगवान कृष्ण की उपासना जीवन
से जुड़ी सुख, ऐश्वर्य, धन, प्रेम, सौभाग्य, सम्मान, सुखद दाम्पत्य, प्रतिष्ठा और मोक्ष की सारी इच्छाएं पूरी करने वाली मानी गई है।
यहां
बताया जा रहा है भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का ऐसा आसान मंत्र जिसका हर रोज
जप या ध्यान करने पर जीवन में मनचाहे सुखों या जीवसाथी पानें में आ रही
सारी बाधाओं से भी छुटकारा मिलता है। कृष्ण का यह मूल मंत्र व्यक्ति की हर
इच्छा पूरी करता है और मनचाही खुशियां दे देता है -
'कृं कृष्णाय नम:'
सभी
सुख देने वाले कृष्ण के इस मूलमंत्र का जप सुबह नहाने के बाद एक सौ आठ बार
करें। इस छोटे से मंत्र के प्रभाव से जीवन में बड़े और सुखद बदलाव आएंगे।