Wednesday, October 31, 2012
है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे,
है शीश जो प्रभु चरण में वंदन किया करे...
बकार वो मुख है जो व्यर्थ बातों में,
मुख है वो जो हरिनाम का सुमिरण किया करे...
हीरे मोती से नहीं शोभा है हाथ की,
... है हाथ जो भगवान् का पूजन किया करे...
मर के भी अमर नाम है उस जीव का जग में,
प्रभु प्रेम में बलिदान जो जीवन किया करे...
♥ ♥जय श्रीकृष्णा ♥ ♥
श्यामा तेरी यादों में जो अश्क बहते है ,
ये मेरे अंग का अनमोल रत्न है ,
इसे में अपने आँखों में समाये रखना चाहूंगी ज़िन्दगी
भर ,अश्क बहार आये अगर तेरी यादों में मोती बनकर ,
उस अश्क को में कभी बहने न दूंगी ,
ये मेरा वादा है !!
दोस्तों इस अनमोल रत्न को अगर कोई संभाल कर
रखे तो उसके ज़िन्दगी में कभी कोई दुःख नाम का चीज़
नहीं रहेगा !!
~ ~ जय श्री कृष्ण ~ ~
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