Saturday, March 16, 2013

हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा बहुत पवित्र माना जाता है। हिन्दू धर्मग्रंथ भगवान विष्णु और वृंदा यानी तुलसी के विवाह के प्रसंग उजागर करते हैं। यही वजह है कि तुलसी को विष्णुप्रिया भी कहा गया है। इसी आस्था से घर के आंगन में लगा तुलसी का पौधा कलह और दरिद्रता दूर करने वाला माना जाता है।

वैज्ञानिक परीक्षणों ने भी साफ किया है कि तुलसी का पौधा औषधीय गुणों वाला होता है। इसकी गंध रोगाणुनाशक होती है। इसका रस शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला होता है। यहां तक कि तुलसी के पौधे में मौजूद विद्युत ऊर्जा कई तरह के दुष्प्रभावों से बचाती है।

इस तरह यह कहा जा सकता है कि धर्म ही नहीं विज्ञान भी मानता है कि धर्मशास्त्रों में बताई तुलसी पूजा, दर्शन और परिक्रमा की परंपरा सभी दु:खों व विपत्तियों से बचाती है। धार्मिक महत्व के नजरिए से इनसे पापों का नाश होता है और सुख की सभी कामनाएं पूरी होती है।


सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन तुलसी के पौधे पर गंध, पुष्प, छोटा वस्त्र, कलेवा, अक्षत चढ़ाकर यथाशक्ति प्रसाद का भोग लगाएं। इसके बाद 108 बार, संभव न हो तो 11 या 1 बार ही तुलसी का स्मरण इस मंत्र के साथ करते हुए परिक्रमा लगाएं -

महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्द्धिनी।
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

- तुलसी की ऐसी पूजा, दर्शन और स्मरण घर-परिवार की संकट से रक्षा कर सुख-सौभाग्य बढ़ाने वाली मानी गई है।