Saturday, August 18, 2012

JAI VISHNU DEVAE NAMHA








JAI SHREE VISHNU DEVAE NAMHA हिन्दू धर्म पंचांग के अधिकमास (18 से शुरू) में भगवान की उपासना के लिए मात्र आहार ही नहीं उसके साथ-साथ रहन-सहन, व्यवहार और इंद्रिय सयंम की भी बड़ी अहमियत हैं। इसलिए देव उपासक को गलत बातों, काम व सोच से दूर रखने के लिए भी उपाय बताए गए है। इनको अपनाने से भगवान विष्णु की भक्ति शक्ति और सफलता के साथ घर-परिवार के खुशहाल बनाने वाली मानी गई है। खासतौर पर विष्णु भक्त व व्रत या उपवास रखने वाले जानिए कि क्या हैं ये सरल उपाय - - पुरुषोत्तम मास की अवधि में उपासक को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। - भूमि पर सोना चाहिए। - भोजन करने के लिए थाली का उपयोग न करते हुए, ढाक या पलाश के पत्तों की बनी पत्तल का उपयोग करना चाहिए। - मासिक धर्म से गुजर रही स्त्री या रजस्वला स्त्री और धर्म विरोधी लोगों की संगति से बचें। - वैष्णव यानी भगवान विष्णु को मानने वालों की सेवा और भोजन कराना चाहिए। - अधिकमास में व्रत करने वाले को भगवान शिव या अन्य देवी देवताओं, ब्राह्मण, वेद, गुरु, गाय, साधु-संत, स्त्री, धर्म की बुराई न करना चाहिए और न सुनना चाहिए। - गाय को घास और दाना खिलाना चाहिए। - वैष्णवों और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिये। उनको सोना, चाँदी, गाय, घी, अन्न, कपड़े, बर्तन, जूते-चप्पल, छतरी, गीता-भागवत जैसी धार्मिक पुस्तकों का दान करना चाहिये। - काँसे के बर्तन में 30 मालपुए रखकर ब्राह्मण और वैष्णवों को दान करने को भी बहुत पुण्यकार्य माना जाता है

RADHEY SHYAM HARISH GARG