JAI SHREE VISHNU DEVAE NAMHA
हिन्दू धर्म पंचांग के अधिकमास (18 से शुरू) में भगवान की उपासना के लिए मात्र आहार ही नहीं उसके साथ-साथ रहन-सहन, व्यवहार और इंद्रिय सयंम की भी बड़ी अहमियत हैं। इसलिए देव उपासक को गलत बातों, काम व सोच से दूर रखने के लिए भी उपाय बताए गए है। इनको अपनाने से भगवान विष्णु की भक्ति शक्ति और सफलता के साथ घर-परिवार के खुशहाल बनाने वाली मानी गई है। खासतौर पर विष्णु भक्त व व्रत या उपवास रखने वाले जानिए कि क्या हैं ये सरल उपाय -
- पुरुषोत्तम मास की अवधि में उपासक को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- भूमि पर सोना चाहिए।
- भोजन करने के लिए थाली का उपयोग न करते हुए, ढाक या पलाश के पत्तों की बनी पत्तल का उपयोग करना चाहिए।
- मासिक धर्म से गुजर रही स्त्री या रजस्वला स्त्री और धर्म विरोधी लोगों की संगति से बचें।
- वैष्णव यानी भगवान विष्णु को मानने वालों की सेवा और भोजन कराना चाहिए।
- अधिकमास में व्रत करने वाले को भगवान शिव या अन्य देवी देवताओं, ब्राह्मण, वेद, गुरु, गाय, साधु-संत, स्त्री, धर्म की बुराई न करना चाहिए और न सुनना चाहिए।
- गाय को घास और दाना खिलाना चाहिए।
- वैष्णवों और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिये। उनको सोना, चाँदी, गाय, घी, अन्न, कपड़े, बर्तन, जूते-चप्पल, छतरी, गीता-भागवत जैसी धार्मिक पुस्तकों का दान करना चाहिये।
- काँसे के बर्तन में 30 मालपुए रखकर ब्राह्मण और वैष्णवों को दान करने को भी बहुत पुण्यकार्य माना जाता है
RADHEY SHYAM
HARISH GARG
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