हिन्दू धर्म पंचांग की एकादशी तिथि से जुड़ी भगवान विष्णु उपासना की धर्म परंपराओं के पीछे मूल भावना, सोच और आचरण की पवित्रता को अपनाने की है ताकि इंसान मन और विचार से मजबूत और एकाग्र रहकर हर मुश्किलों से पार पा सके।
इसी सिलसिले में संयम और शांति पाने का बेहतर उपाय संतुलित आहार से भी जुड़ा है। खासतौर पर व्रत-उपवास या इनके बिना भी खास चीजों को खाना जहां शरीर को सेहतमंद बनाने वाला बताया गया है, वहीं दूसरी ओर कुछ खास चीजों को खाना सेहत के लिए परेशानी की वजह बनने वाला भी माना गया है।
शहद, चावल का माँड, उड़द, राई, मसूर-दाल, बकरी, भैंस और भेड़ का दूध, मांस, मादक पदार्थ और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इसी तरह मूली, प्याज, कुम्हड़ा, लहसुन, गाजर, बैंगन भोजन में नहीं लेना चाहिए। तिल का तेल, बासी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- ताँबे के बर्तन में दूध रखना, चमड़े के बर्तन में पानी और खुद के लिए बनाया भोजन अशुद्ध माना जाता है। ऐसा करने से बचना चाहिए।
इसी सिलसिले में संयम और शांति पाने का बेहतर उपाय संतुलित आहार से भी जुड़ा है। खासतौर पर व्रत-उपवास या इनके बिना भी खास चीजों को खाना जहां शरीर को सेहतमंद बनाने वाला बताया गया है, वहीं दूसरी ओर कुछ खास चीजों को खाना सेहत के लिए परेशानी की वजह बनने वाला भी माना गया है।
शहद, चावल का माँड, उड़द, राई, मसूर-दाल, बकरी, भैंस और भेड़ का दूध, मांस, मादक पदार्थ और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इसी तरह मूली, प्याज, कुम्हड़ा, लहसुन, गाजर, बैंगन भोजन में नहीं लेना चाहिए। तिल का तेल, बासी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- ताँबे के बर्तन में दूध रखना, चमड़े के बर्तन में पानी और खुद के लिए बनाया भोजन अशुद्ध माना जाता है। ऐसा करने से बचना चाहिए।