Tuesday, August 28, 2012

तुम्हारा नाम लिख लिख कर मोहन
मिटाना भूल जाता हूँ ....
तुम्हें जब याद करता हूँ
भुलाना भूल जाता हूँ ....
बहुत सी ऐसी बातें हैं जो मेरे दिल में रहती है
मगर जब तुमसे मिलता हूँ
सुनाना भूल जाता हूँ ....
तुम्हारे बाद अब हर पल
बड़ी मुश्किल से कटता है
में अक्सर तुमको ख्वाबों में बताना भूल जाता हूँ ...
में हर शाम कहता हूँ
की तुमको भूल जाऊँगा
मगर जब सुबह होती हैं
भुलाना तुमको भूल जाता हूँ ...!!

!!~~**जय जय श्री राधे**~~!!

 

mere ghanshyam

घनश्याम तुम्हे ढूँढने जाए कहाँ कहाँ !
अपने विरह की आग बुझाए कहाँ कहाँ !!

तेरी नजर में जुल्फों में मुस्कान में !
उलझा है दिल तो छुडाये कहाँ कहाँ !!
घनश्याम तुम्हे ढूँढने...................

चरणों की खाकसारी में खुद ख़ाक बन गये !
अब ख़ाक पे ख़ाक रमाये कहाँ कहाँ !!
घनश्याम तुम्हे ढूँढने...................

जिनकी नजर देखकर खुद बन गये मरीज !
ऐसे मरीज मर्ज दिखाए कहाँ कहाँ !!
घनश्याम तुम्हे ढूँढने...................

दिन रात अश्रु बिंदु बरसते तो है मगर !
सब तन में लगी जो आग बुझाए कहाँ कहाँ !!

घनश्याम तुम्हे ढूँढने जाए कहाँ कहाँ !
अपने विरह की आग बुझाए कहाँ कहाँ !!

!!~~**जय जय श्री राधे**~~!!

 

jai shree bankey bihari ji

तेरी अंखिया हैं जादू भरी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ।

 
सुनलो मेरे श्याम सलोना, तुमने ही मुझ पर कर दिया टोना ।

 
मेरी अंखियां तुम्ही से लड़ी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥

 
तुम सा ठाकुर और ना पाया, तुमसे ही मैंने नेहा लगाया ।

 
मैं तो तेरे ही द्वार पे पड़ी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥

 
कृपा करो हरिदास के स्वामी,बांके बिहारी अन्तर्यामी ।


मेरी टूटे ना भजन की लड़ी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥

♥♥♥.....जय श्री कृष्णा......♥♥♥