भगवाती राधा भगवान श्री कृष्ण की
प्रेयसी और पराशक्ति हैं। इसलिए श्री कृष्ण के नाम से पहले राधा का नाम
लिया जाता है। भगवान श्री कृष्ण का कहना है जहां भी राधा का नाम लिया जाता
है वहां मैं पहुंच जाता हूं।
इसके पीछे
एक कारण यह भी है कि राधा नाम में राधा और कृष्ण दोनों समाए हुए हैं। रा
का अर्थ है राधिका और धा का अर्थ है धारण करने वाला यानी जिसने संसार को
धारण कर रखा है यानी भगवान श्री कृष्ण। इसे दूसरे अर्थ में यूं भी समझ सकते
हैं, जिसमें धारण करने वाला रमण करता है वह है राधा।
इसलिए
भगवान कहते हैं राधा नाम जपने वाला मेरे लिए आदरणीय और श्रेष्ठ है। कोई
भक्त भले ही मेरी पूजा नहीं करे लेकिन राधा की पूजा करे तो उसे मेरी पूजा
का फल स्वतः ही मिल जाता है।
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