Saturday, April 20, 2013

आज के दौर में दबाव या तनाव दिमाग पर हावी होने की वजहों में घर या नौकरी के काम व लक्ष्य नियत समय पर पूरा न होने व मनचाहे नतीजों को न पाना भी है। इससे कई मौकों पर दिमाग अस्थिर व अशांत हो जाता है। मन-मस्तिष्क को ऐसी दशा से बचाने के लिए शास्त्रों के जरिए उपाय ढूंढे तो यही कहा गया है कि हर रोज कर्म और कर्तव्यों को संकल्प और समर्पण के साथ पूरा करते चले जाना भी ईश्वर उपासना के समान है। इसलिए भी कर्म को ही पूजा कहा गया है।

व्यावहारिक तौर पर भी जिस तरह देव पूजा में ईश्वर के प्रति आस्था व श्रद्धा शुभ फल देने वाली मानी जाती हैं। ठीक उसी तरह लगन, सही सोच व विश्वास के साथ काम करना भी अच्छे नतीजे तय करता है। वहीं, अगर सुख, शांति व सफलता की चाहत से देव विशेष की पूजा उपाय की बात करें तो जगतपालक, लक्ष्मीपति भगवान विष्णु का स्मरण श्रेष्ठ माना गया है। इसके लिए एकादशी तिथि (21 अप्रैल) बड़ी ही शुभ मानी गई है।

21 को भगवान विष्णु भक्ति शुभ दिन इस विष्णु मंत्र का स्मरण आनंदस्वरूप व जगतपालक भगवान विष्णु की कृपा से सौभाग्य, वैभव, सफलता व तरक्की के लिए बड़ा ही शुभ माना गया है। इस मंत्र को घर ही नहीं रोज कार्यस्थल या कार्यालय में भी शुद्ध भाव और चिंतन से बोलना बेहतर नतीजे देने वाला साबित होता है।

सत्यस्थ: सत्यसङ्कल्प: सत्यवित् सत्यत्प्रदस्तथा।
धर्मो धर्मी च कर्मी च सर्वकर्मविवर्जित:।।
कर्मकर्ता च कर्मैव क्रिया कार्यं तथैव च।
श्रीपतिर्नृपति: श्रीमान् सर्वस्य पतिरूर्जित:।।

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