Wednesday, December 12, 2012

भगवान सूर्य संपूर्ण ज्योतिष शास्त्र के अधिपति हैं। सूर्य का मेष आदि 12 राशियों पर जब संक्रमण (संचार) होता है, तब संवत्सर बनता है जो एक वर्ष कहलाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्ष में दो बार जब सूर्य, गुरु की राशि धनु व मीन में संक्रमण करता है उस समय को खर, मल व पुरुषोत्तम मास कहते हैं। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता।
इस बार खर मास का प्रारंभ 16 दिसंबर, 2012 रविवार से हो रहा है, जो 14 जनवरी, 2013 सोमवार को समाप्त होगा। इस मास की मलमास की दृष्टि से जितनी निंदा है, पुरुषोत्तम मास की दृष्टि से उससे कहीं श्रेष्ठ महिमा भी है।
भगवान पुरुषोत्तम ने इस मास को अपना नाम देकर कहा है कि अब मैं इस मास का स्वामी हो गया हूं और इसके नाम से सारा जगत पवित्र होगा तथा मेरी सादृश्यता को प्राप्त करके यह मास अन्य सब मासों का अधिपति होगा। यह जगतपूज्य और जगत का वंदनीय होगा और यह पूजा करने वाले सब लोगों के दारिद्रय का नाश करने वाला होगा।
अहमेवास्य संजात: स्वामी च मधुसूदन:। एतन्नान्मा जगत्सर्वं पवित्रं च भविष्यति।।
मत्सादृश्यमुपागम्य मासानामधिपो भवेत्। जगत्पूज्यो जगद्वन्द्यो मासोयं तु भविष्यति।।
पूजकानां सर्वेषां दु:खदारिद्रयखण्डन:।।

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