हिन्दू धर्म में गाय की पूजा भी पुण्य और सुख-समृद्धि के साथ लक्ष्मी कृपा पाने का श्रेष्ठ और आसान धार्मिक कर्म माना गया है। शास्त्रों
के मुताबिक भी गाय देव प्राणी है। गाय की देह के हर हिस्से में अनेक
देवी-देवता जैसे विष्णु, लक्ष्मी का भी वास माना गया है।
इस
वजह से भी धर्म-कर्म में गोमय यानी गोबर या गो मूत्र का उपयोग किया जाता
है, जो असल में पवित्रता के जरिए लक्ष्मी कृपा व मां लक्ष्मी को बुलावा है।
इसी कड़ी में दीपोत्सव के चौथे दिन यानी गोवर्धन पूजा की शुभ घड़ी में
मात्र गाय की परिक्रमा विशेष मंत्र बोलकर कर लेना भी धन कामना को पूरी करने
वाला माना गया है। जानिए हैं यह विशेष मंत्र और सरल विधि
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सुबह स्नान और भोजन तैयार होने पर गाय और बछड़े की गंध, अक्षत, लाल फूलों
के साथ पूजा लक्ष्मी स्वरूप का ध्यान कर करें। भोजन का ग्रास खिलाएं और
धूप, दीप पूजा कर नीचे लिखे मंत्र के साथ गाय की परिक्रमा करें-
गवां दृष्ट्वा नमस्कृत्य कुर्याच्चैव प्रदक्षिणम्।
प्रदक्षिणीकृता तेन सप्तद्वीपा वसुन्धरा।।
मातर: सर्वभूतानां गाव: सर्वसुखप्रदा:।
वृद्धिमाकाङ्क्षता पुंसा नित्यं कार्या प्रदक्षिणा।।
यह उपाय दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा के दिन करना भी शुभ व मंगलकार होता है।
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