Wednesday, August 29, 2012

SARVAN KUMAR TUMARI JAI HO

ये भी अपने माता पिता की ही औलाद थी जिसने अपने माता पिता के सुख के लिए अपनी पत्नी को छोड़ दिया था सिर्फ इतनी सी बात के लिए की उसकी पत्नी ने श्रवण कुमार के माता पिता को बुरा भला कहा था ध्न्ने है ऐसी औलाद जिसने अपने माता पिता के लिए अपनी पत्नी को छोड़ दिया बरना आजकल तो पत्नी के पीछे माता पिता को छोड़ दिया जाता है ,,इन्होने सिर्फ ये सोचा था की जिन माँ बाप ने अपने बेटे की परवरिश के लिए लाखों दुःख सहे ये उनका साथ कैसे छोड़ दे और इन्होने अपने माता पिता को अपने कन्धों पर उठाकर अपने माता पिता को यात्रा करवाने के लिए निकले थे इसलिए चार दिन की चांदनी के लिए अपने उस माता पिता को कभी मत छोड़ो जिनमें प्रभु के दर्शन होते हैं ,,अपने मात पिता को दुःख देकर चाहे आप चारो धाम की यात्रा करलो लेकिन आपको कभी भी पुण्य का फल नहीं लगेगा इसलिए माता पिता को अपना सहारा दो ना की उनके बुढापे का सहारा छीनो


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