Wednesday, August 29, 2012

VAMAN DEV



केरल में हर साल ओणम का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 29 अगस्त, बुधवार को है। ओणम मनाने के पीछे एक कथा भी प्रचलित है, जो इस प्रकार है-

पुरातन समय में पृथ्वी के दक्षिण क्षेत्र में बलि नामक राजा राज्य करता था। वह भगवान विष्णु के परमभक्त प्रह्लाद का पौत्र था। वह राक्षसों का राजा होने के कारण देवताओं से बैर रखता था। स्वर्ग पर अधिकार करने के उद्देश्य से एक बार बलि यज्ञ कर रहा था तब देवताओं की सहयाता करने के लिए भगवान वामन बलि की यज्ञशाला में गए और राजा बलि से तीन पग धरती दान में मांगी।

राजा बलि के गुरु शुक्राचार्य भगवान की लीला समझ गए और उन्होंने बलि को दान देने से मना कर दिया लेकिन बलि ने फिर भी भगवान वामन को तीन पग धरती दान देने का संकल्प ले लिया। भगवान वामन ने विशाल रूप धारण कर एक पग में धरती और दूसरे पग में स्वर्ग लोक नाप लिया। जब तीसरा पग रखने के लिए कोई स्थान नहीं बचा तो बलि ने भगवान वामन को अपने सिर पर पग रखने को कहा।

बलि के सिर पर पग रखने से वह सुतललोक पहुंच गया। बलि की दानवीरता देखकर भगवान ने उसे सुतललोक का स्वामी भी बना दिया। साथ ही भगवान ने उसे यह भी वरदान दिया कि वह अपनी प्रजा को वर्ष में एक बार अवश्य मिल सकेगा। राजा बलि के पृथ्वी पर आने की खुशी में ही ओणम का त्योहार मनाया जाता है।

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