jai tulsi maa
हिन्दू धर्म परंपराओं के मुताबिक हाल में शुरू हुआ अधिकमास भगवान विष्णु की भक्ति व उपासना से खुशहाल जीवन की कामना पूरी करने का काल है। माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी मानी गई हैं। हिन्दू धर्म के मुताबिक घर तुलसी का पौधा भी ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप है। इसलिए यह बड़ा ही पवित्र माना जाता है। यह भी मान्यता है घर के आंगन में तुलसी का पौधा कलह और दरिद्रता दूर करता है। धर्मग्रंथों में तुलसी को विष्णुप्रिया कहा गया है। पुराणों में भी भगवान विष्णु और वृंदा यानी तुलसी के विवाह का वर्णन मिलता है।
वहीं आयुर्वेद के नजरिए से तुलसी के पौधे में औषधीय खूबियां होती है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है व कफ से पैदा होने वाले रोगों से बचाव होता है। इसलिए तुलसी के पत्तों को खाना फायदेमंद बताया गया है, पर इसके साथ ही तुलसी के पत्तों का सही तरीके से सेवन करने की नसीहत भी दी गई है। ऐसा न करने पर तुलसी के पत्ते नुकसान भी पहुंचा सकते हैं
वहीं आयुर्वेद के नजरिए से तुलसी के पौधे में औषधीय खूबियां होती है। इससे शरीर की प्रतिरोधक
क्षमता बढ़ती है व कफ से पैदा होने वाले रोगों से बचाव होता है। इसलिए तुलसी के पत्तों को खाना फायदेमंद बताया गया है, पर इसके साथ ही तुलसी के पत्तों का सही तरीके से सेवन करने की नसीहत भी दी गई है। ऐसा न करने पर तुलसी के पत्ते नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। तुलसी के पत्ते खाने का सही तरीका यही बताया गया है कि जब भी तुलसी के पत्ते मुंह में रखें, उन्हें दांतों से न चबाकर सीधे ही निगल लें। इसके पीछे विज्ञान यह है कि तुलसी के पत्तों में पारे की धातु के अंश होते हैं, जो चबाने पर बाहर निकलकर दांतों की सुरक्षा परत को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे दांत और मुंह के रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह अधिकमास में यह भी ध्यान रहे कि विष्णुप्रिया की आराधना कर धर्म लाभ तो पाएं लेकिन उसका सेवन सावधानी से कर स्वास्थ्य लाभ भी पाएं।
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