Saturday, August 25, 2012

वो काला एक बासुँरी वाला, वो काला इक बासुँरी वाला
सुध बिसरा गया मोरि रे,
माखनचोर जो नंदकिशोर वो, कर गयों ओ रे मन की चोरी रे
कर गयों ओ रे मन की चोरी रे सुध बिसरा गया मोरि ....
कर गयों ओ रे मन की चोरी रे सुध बिसरा गया मोरि ....
वो काला इक बासुँरी वाला, सुध बिसरा गया मोरि रे.
पनघट पे मोरि बइयाँ मरोडी ....३
मैं बोली तो मेरी मटकी फोडी.
पइयाँ परु करु विनती मैं पर ..२
माने न इक वो मोरि
सुध बिसरा गया मोरि रे.... ,
वो काला इक बासुँरी वाला, वो काला इक बासुँरी वाला...
वो काला इक बासुँरी वाला, सुध बिसरा गया मोरि रे....
छुप गयो फिर इक तान सुना के ...३
कहा गयो एक बाण चला के,
गोकुल ढूंढ़ा, मैनें मथुरा ढूंढ़ी ..२
कोइ नगरियाँ ना छोडी रे, सुध बिसरा गया मोरि रे.... ,
सुध बिसरा गया मोरि रे.... , वो काला इक बासुँरी वाला,
वो काला इक बासुँरी वाला सुध बिसरा गया मोरि रे.... ,
वो काला इक बासुँरी वाला, सुध बिसरा गया मोरि रे.... ,
वो काला इक बासुँरी वाला ,
वो काला इक बासुँरी वाला... माख्ननचोर जो,
नंदकिशोर वो, कर गयों औरे मन की चोरी रे

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