भगवान श्रीकृष्ण की हर लीला किसी इंसान को उसकी गुण और शक्तियों को पहचान उनके जरिए सफलता पाने की प्रेरणा व संदेश देती हैं। शास्त्रों में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति आनंद, सुख और सौभाग्य देने वाली ही मानी गई है। श्रीकृष्ण द्वारा बताया गया कर्मयोग भी कलह और दु:खों से बचने का सबसे बेहतर और बेजोड़ सूत्र है।
भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण या उनके अवतारों की भक्ति से ही हर कलह दूर करने और सरस, सहज, सौभाग्यशाली और सफल जीवन के लिए पूर्णिमा तिथि का भी खास महत्व है।
सुबह भगवान श्रीकृष्ण को गंगाजल और पंचामृत स्नान कराएं।
- स्नान के बाद गंध, सुगंधित फूल, अक्षत, पीले वस्त्र चढ़ाएं।
- श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
सुगंधित धूप और दीप प्रज्जवलित कर नीचे लिखे कृष्ण मंत्रों का आस्था से सौभाग्य व कलहनाश की कामना से स्मरण या जप करें -
ॐ नमो भगवते गोविन्दाय
ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय
ॐ कृष्णाय गोविन्दाय नमो नम:
- मंत्र ध्यान के बाद भगवान कृष्ण या विष्णु की आरती करें। प्रसाद बांटे और ग्रहण करें। पूजा, आरती में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
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