एक बार राधा कहे प्राणी पावन होत
हरी पधारे तासु मन और जगे प्रेम की ज्योत
जगे प्रेम की ज्योत सांवरो हिये बिराजे
मोर मुकुट और बांसुरी पीताम्बर साजे
श्री वृन्दावन वास मिले हो प्रेम अगाधा
... तेरो हो जीवन कल्याण कहे इक बार जो राधा
राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा
श्री राधा जय राधा राधा राधा राधा राधा राधा
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