सधी जीवनशैली और सही सोच किसी भी बुरे वक्त, अशांति या कलह में मन को गलत दिशा में भटकाने से बचाती है। मायूसी और नाकामी से दूर इंसान खुद के साथ दूसरों के लिए भी सुख व सफलता की राह पर चलना आसान बना देता है।
हिन्दू धर्म परंपराओं में एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु व उनके अवतारों का स्मरण सारे कलह और संताप को दूर करने वाला माना गया है। इसी कड़ी में भगवान कृष्ण की भक्ति आनंद, सुख और सौभाग्य लाने वाली मानी गई है।
श्रीकृष्ण लीला भी हर इंसान को अपनी गुण और शक्तियों को पहचान उनसे सौभाग्य व सफलता पाने का संदेश देती हैं। श्रीकृष्ण द्वारा बताया गया कर्मयोग भी कलह और दु:खों से मुक्त रहने का सबसे श्रेष्ठ और बेजोड़ सूत्र है।
श्रीकृष्ण भक्ति से ही सहज और सफल जीवन के लिए एकादशी पर विशेष कृष्ण मंत्र को सुबह पूजा उपाय के साथ बोलना सुख-संपत्ति, ऐश्वर्य और वैभव देने वाला माना गया है।
- सवेरे स्नान कर भगवान श्रीकृष्ण प्रतिमा यथासंभव बालकृष्ण की प्रतिमा को गंगाजल और पंचामृत स्नान कराएं।
- स्नान के बाद गंध, सुगंधित फूल, अक्षत, पीले वस्त्र अर्पित करें।
- श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
- सुगंधित धूप और दीप प्रज्जवलित कर नीचे लिखे कृष्ण मंत्र का आस्था से स्मरण करें -
ऊँ क्लीं कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।
- मंत्र ध्यान के बाद भगवान कृष्ण या विष्णु की आरती करें। प्रसाद बांटे और ग्रहण करें। पूजा, आरती में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
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