Thursday, November 1, 2012

वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
जपे जा राधे राधे, भजे जा राधे राधे.
राधा अलबेली सरकार, जपे जा राधे राधे॥

जो राधा राधा गावे, वो प्रेम पदार्थ पावे।
वाको है जावे बेडा पार, जपे जा राधे राधे॥

वृन्दावन में राधे राधे, यमुना तट पे, राधे राधे...
जय राधे राधे, राधे राधे...

जो राधा राधा नाम ना तो, रसराज बिचारो रोते।
नहीं होतो कृष्ण अवतार, जपे जा राधे राधे॥

बंसिवत पे राधे राधे, श्री निधिबन में राधे राधे...
जय राधे राधे, राधे राधे...

यह वृन्दावन की लीला, मत जानो गुड को चीला।
यामे ऋषि मुनि गए हार, जपे जा राधे राधे॥

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