Monday, September 3, 2012

राधा को चुन लिया ,कृषण ने बंसी की धुन में क्या
बुन लिया प्रीत के धागों में अपने साथ राधे
बेक़रार रहने लगा राधिका का मन यादो में
जन्मो का ये सिलसिला खो गया हे वो ख्वाबो में
कैसा हाल हे न ख्याल हे बन गया दीवाना हे
नंदगाँव का ब्रिज के प्यार का बन गया हे अफसाना ये

 

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