Wednesday, October 31, 2012
जिसकी नज़रों में हैं श्याम प्यारे
वो तो रहते हैं जग से न्यारे
जिसकी नज़रों में मोहन समाये
वो नज़र फिर तरसती नहीं है
ये तो प्रेम की बात है ऊद्धव, बंदगी तेरे बस की नहीं है !!
यहां सर दे के होते हैं सौदे, आशिकी इतनी सस्ती नहीं है.
♥ ♥जय श्रीकृष्णा ♥ ♥
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