Saturday, August 25, 2012
श्री राधा को जिसने भुलाय़ा , उसने
अपना जनम गंवाय़ा !!
धन्य हुई वो वाणी जिसने ,
राधाश्य़ाम है गाया !!
उनका सुमिरन करे बिना , कब
मिलता है विश्राम !!
बोलो राधे-राधे राधे-जय श्री राधे श्याम !!
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment